Posts

Showing posts from January, 2019

स्वामिए शरणम अय्यप्पा

Image
सदियों पहले आए थे लुटेरे  वहशी, दरिंदे आँखों में हैवानियत लिए  और हाथों में तलवार एक पुस्तक और एक रसूल के नुमाइंदे।  हज़ारों मंदिरें तोड़ीं  रौंदा हमारे देवी-देवताओं को  अपने पैरों तले। गजवा-ए-हिंद नारा था, इरादा था काफ़िरों की धरती को ‘पाक’ बनाने का। कल भी लुटेरे आए थे  स्वामी अय्यप्पा का ब्रह्मचर्य तोड़ने उनके मंदिर को नापाक करने  हमारे मान-स्वाभिमान का गला घोंटने  हमारी भक्ति और आस्था को अपने पैरों तले कुचलने एक पुस्तक और एक रसूल के नुमाइंदे। फ़र्क़ सिर्फ़ इतना था  कि सदियों पहले   उनके परचम का रंग हरा था और कल रक्तिम लाल। ~अवतंस