ग़ज़ल

यह दिल मेरा चाहत तेरी का दीवाना है
तू सोच मत यह सच नहीं अफ़साना है।

दिल को तू मेरे देख न जा औरों पर
मुझे नहीं अब तलक तूने पहचाना है।

है जकड़ा मजबूरियों में कई यह बेचारा दिल
समझ लिया तुमने की यह बेगाना है।

जाओ जलाते शमां को तुम प्यार की निरंतर
जलने को आएगा चला खींचा की यह परवाना है।

मदहोश हूँ पीके पड़ा मैं प्यार की मय को
साकी है तू, प्याला है तू, और तू ही मयखाना है।

हूँ तेरा मैं, मेरी है तू - ये ऐलान ओ खुदाया
एक हूँ मैं और तू है बाकी यह जालिम ज़माना है।

बस, ऐ जानेमन! तू कर यकीन मुझपर
अपनी तो बेदाग़ वफाई को बस जताना है।

- अवतंस कुमार, ९ मई २००९। क्रिस्टल लेक, इलिनॉय

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